16 जुलाई, 2015

हकीरत हीर री कवितावां



राजस्थानी अनुवाद नीरज दइया
 
लुगाई
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लो नोच लो
म्हारो डील
उतार दो म्हारा गाभा
कर देवो भरै बजार नागी
म्हैं बा ई लुगाई हूं
जिकी थांनै जूण सूंपी.... !

उड़ारी...
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थांरै घर सूं
लेवती टैम सीख
छोड़िया जावूं म्हैं-
म्हारी पांख्यां
जीसा...
जद-कद बुलाओ
तो राखजो चेतो-
अबै कोनी हुवैला सारै म्हारै
पांखां वाळी उड़ारी...
०००

प्रेम-१
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बो कदैई-कदैई..
लुक-लुक’र मुळक्या करतो हो
जद-कद उण री बारी आगैकर जावती
गैरी गैरी निजरां सूं ताकतो म्हनै
एक दिन जाय’र ऊभगी उण रै साम्हीं
पूछ्यो- कुण है थूं..?
बो कैयो- कोनी थारो प्रेम म्हैं
अर म्हैं थाकल पगलिया सूं
पाछी आयगी... !

प्रेम-२
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झील
कदैई सोवती कोनी
आडै दिन तारा उतर’र आवतां
उण री छाती माथै...
रम्मत मांडता बै
केळै रै दरखत री नाव माथै असवार
व्हाला लेवतां उण रै बंद कमलां रा
पण झील नै उण तारै सूं प्रीत ही
जिको आभै मांय एकलो ही चमचमावतो हो-
धूमकेतू दांई... !

प्रेम-३
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बो
घणै ऊंचै डूंगर माथै
मून साध्यां बिजारै हो
म्हनै बठै पूगण मांय घणो मोडो हुयग्यो
जद म्हैं बठै पूगी घणी भीड ही
लोग हाथां मांय फूल लियां
उण रै चढावै हा
अर बो
भाठो हुयग्यो हो... !
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फोटुवां
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घरै भींतां री दरारां माथै
म्हैं लटका दी कीं फोटुवां
देखण वाळा घणी बार म्हनै
कला रो सोखीन
समझ लेवै.... !
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गुमयोड़ा सबद.....
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गुमयोड़ा है सबद
केई दिनां सूं ...
ऐन उणी टैम सूं
जद अळधी भांव
चमचमावती जगमग नगरी
निजरां में आय ढूकी ही....
मून खांधियां बण’र
लियां जावै हा
म्हारा सबद.

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थांरा सबद ...
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बा ...
थूं ई तो ही
जिण नै जोवतो हो म्हैं
जलम-जलामांतरां सूं ....
ऐ थारा ई कैयोड़ा सबद हा
जिका आज खांधा देवण नै ऊभा है
सूली माथै चढियोड़ी
मोहब्बत नै... !

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दरद ....
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रात ....
जद घाव छाती पीटण लाग्या
कीं आखर चांद सूं टपक्या हा
म्हैं बै सगळा आखर
कूख में बोय दिया ....
आज कवितावां में ...
दरद जलम लियो है.... !

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फफोला.....
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सुणो....
बो जिको आंगळी माथै
फफोलो उफसग्यो हो नी.... ?
उण नै म्हैं मसळ’र
लूण लगा दियो ...
अबै थारी ओळूं
दरद कोनी देवै .... ! 

कवयित्री परिचै  31 अगस्त नै जलमी हकीरत हीर पंजाबी, हिंदी अर असमिया में ई कवितावां लिखै। आसाम में रैवता थका अहिंदी भाषी हुय’र ई हिंदी री सेवा बरोबर करै। अपारा इक दर्द, दीवारों के पीछे की औरत अर ख़ामोश चीखें आद कविता संग्रै प्रकाशित हुयोड़ा, अर कविता-संग्रै दर्द की महक नै केंद्रीय हिंदी निदेशालय सूं हिंदीतर भाषी हिंदी-लेखक पुरस्कार योजना पेटै बरस 2013 रो एक लाख रिपिया रो मोटो इनाम लारलै दिनां घोषित हुयो। अमृता प्रीतम सम्मान अर बीजा केई मान-सम्मान सूं सम्मानित। ई-मेल -harkirathaqeer@gmail.com 


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